जीवन एक अधूरा सपना
क़िस्मत में है ग़म के बिछौने
आँसू ही आँखों के हैं खिलौने
दर्द ही जीवन की है सखियाँ
दुःखों भरी हमारी ही अखियाँ
घर भी नहीं है हमारा कोई
दुनिया में दर भी नहीं कोई
—
गुड्डो दादी , शिकागो , अमेरिका
जीवन एक अधूरा सपना
क़िस्मत में है ग़म के बिछौने
आँसू ही आँखों के हैं खिलौने
दर्द ही जीवन की है सखियाँ
दुःखों भरी हमारी ही अखियाँ
घर भी नहीं है हमारा कोई
दुनिया में दर भी नहीं कोई
—
गुड्डो दादी , शिकागो , अमेरिका
कविता अच्छी हैं|.
विजया टेकसिंगानी