विश्व साहित्य

जीवन एक अधूरा सपना

क़िस्मत में है ग़म के बिछौने
आँसू ही आँखों के हैं खिलौने
दर्द ही जीवन की है सखियाँ
दुःखों  भरी हमारी ही अखियाँ
घर भी नहीं है  हमारा कोई
दुनिया में  दर भी नहीं कोई

गुड्डो दादी , शिकागो , अमेरिका 

1 Responses to विश्व साहित्य

  1. gazal65 कहते हैं:

    कविता अच्छी हैं|.
    विजया टेकसिंगानी

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